आज पृथ्वी के शरीर से वन वनस्पति जंगल काट दिए गए हैं पूरे संसार में जितने भी जीव जंतु हैं सब की दुख भरी कहानी है अगर इंसान के शरीर से चमड़ी निकल दी जाए तो क्या वह जीवित रह पाएगा इसी तरह धरती है पर्यावरण तार तार हुआ है क्योंकि उसके समस्त तत्व दूषित हुए हैं मनुष्य की प्रकृति और ईश्वर में आस्था समाप्त हुई है उसका दंड उसको मिले अभी भी वक्त है अभी भी वक्त है आदमी समझ जाए पर्यावरण है तो इंसानी जीवन है

प्रभु श्री राम ने 14 वर्ष का जो वनवास जिया वनवास मिला उसका वर्णन किया और वह वनवास उन्होंने

वनों में जिया और वहीं से संसार को ज्ञान मिला वहीं से ब्रह्मांड और मनुष्य को वाणी मिली वहीं से नौ प्रकार भक्ति मिली वहीं से संकल्प हुआ इंसान को आगे बढ़ने का मार्ग मिलाओ और पर्यावरण को एक नया आकाश मिला है ।

इसलिए पर्यावरण संरक्षण में प्रभु श्री राम का न केवल महत्व है बल्कि अगर राम नहीं है तो पर्यावरण भी नहीं है यह पृथ्वी भी नहीं यह ब्रह्मांड में नहीं है फिर वही भावनाएं अपने लिए सोचो अपने आप को देखो क्या हम अपने पर्यावरण को मजबूत कर रहे हैं अपने आने वाले भविष्य को सुधार रहे हैं । तभी जीवन चलता रहेगा ।